tag:blogger.com,1999:blog-1769811931538457209.post6980844391619857062..comments2023-12-18T23:02:59.064-08:00Comments on ज्योति-कलश: धूप-सी तुम भी खिलो..(महिला दिवस पर)..ज्योति-कलशhttp://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1769811931538457209.post-69636039008950822632013-03-19T23:20:16.524-07:002013-03-19T23:20:16.524-07:00मेरे भावों से समरस .ऽआपकी प्रतिक्रिया सुखकर है .....मेरे भावों से समरस .ऽआपकी प्रतिक्रिया सुखकर है ...बहुत आभार आपका !!<br /><br />सादर <br />ज्योत्स्ना ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1769811931538457209.post-443272739595614602013-03-13T08:39:06.686-07:002013-03-13T08:39:06.686-07:00जीवन और दुनिया का सच, जिसे एक सिरे से खारिज किया ज...जीवन और दुनिया का सच, जिसे एक सिरे से खारिज किया जाता है; पर सार्वभौमिक सत्य है...<br /><br />स्वप्न हो सृजन... कि ..... अधूरे रहोगे तुम , <br />साथ मेरा हो सदा................पूरे रहोगे तुम।<br /> <br />बहुत भावपूर्ण रचना, शुभकामनाएँ.<br />डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1769811931538457209.post-31865172192628409952013-03-07T18:25:26.965-08:002013-03-07T18:25:26.965-08:00हृदय से आभारी हूँ भाई जी ! आपका सहज स्नेह एवम प्रे...हृदय से आभारी हूँ भाई जी ! आपका सहज स्नेह एवम प्रेरणा मेरी अनमोल निधि हैं ...सदा बनाये रखियेगा ।<br />सादर <br />ज्योत्स्ना शर्मा ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1769811931538457209.post-31718340611430180752013-03-07T10:26:51.123-08:002013-03-07T10:26:51.123-08:00इस कविता का माधुर्य हर शब्द में जैसे घुल गया हो । ...इस कविता का माधुर्य हर शब्द में जैसे घुल गया हो । ज्योत्स्ना जी का शब्द-चयन, भावों की अनूठी मणिमाला पाठक का मन अनायास ही भिगो जाती है ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.com