डॉ•ज्योत्स्ना शर्मा
सुन सखी ! कहाँ विश्राम लिखा !
मैंने तो आठों याम लिखा
।
पथ पर कंटक, चलना होगा,
अँधियारों में जलना होगा ।
मन- मरुभूमि सरसाने को
हिमखंडों- सा, गलना होगा ।
शुभ, नव संवत्सर हो सदैव ,
संकल्प यही सत्काम लिखा।।
केवल जीने की चाह नहीं ,
भरनी मुझको अब आह नहीं ।
फूल और कलियाँ मुस्काएँ
गूँजे न कोई कराह कहीं ।
नव आगत तेरे स्वागत में
पल का प्यारा पैगाम लिखा ।।
समय मिलेगा फिर बाँचेगा
मेरी भी कापी जाँचेगा।
रहे हैं कितने प्रश्न अधूरे ;
कितने उत्तर सही हैं पूरे ।
जीवन के खाली पन्नों पर -
साँसों का बस संग्राम लिखा ।।
मैंने तो आठों याम लिखा
,
सुन सखी ! कहाँ विश्राम लिखा !
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वाह! बहुत खूब | अत्यंत सुन्दर रचना | नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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hriday se aabhaar aapkaa .der se dekh pane ke liye kshamaa chaahatee hun .sneh banaaye rakhiyegaa .
Deletesaadar ..saabhaar
jyotsna sharma
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-04-2013) के चर्चा मंच 1214 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeletemeree bhaavaabhivyakti ko mile aapke sneh aur sammaan ke liye main hriday se aabhaaree hun .
Deletesaadar ..
jyotsna sharma
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति
पधारें "आँसुओं के मोती"
Pratibha Verma ji ...prerak comments hetu hriday se abhaar .
Deletesaadar
jyotsna sharma
बहुत खूब |
ReplyDeleteSanjay Kumar Bhaskar ji ...bahut bahut dhanyawaad .
Deletesaadar ..
jyotsna sharma
bahut khoob....
ReplyDeleteDr.Nisha Maharana ji ..sahaj sneh hetu haardik dhanyawaad aapakaaa .
Deletesaadar
jyotsna sharma
जीवन एक संघर्ष यहाँ बस चलते ही रहना है .. बहुत बढ़िया
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका 🙏💐
Deleteवाह बहुत सुन्दर गीत ज्योत्स्ना जी सच है विश्राम कहाँ ,बहुत बहुत बधाई |
ReplyDeletesundar ,preranaa bharee pratikriyaa ke liye bahut bahut dhanyawaad ..Rajesh Kumari ji
Deletesaadar
jyotsna sharma