ज्योति-कलश
Monday, 30 December 2024

187- खिलती खूब बहार मिले !

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 स्नेहिल मित्रों , बन्धुजनों को  खिलती खूब बहार मिले, सुन्दर, सरस, मधुर हो जीवन  स्नेहपूर्ण व्यवहार मिले । नयी मंजिलें, नये शिखर हों  नित-नि...
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Thursday, 26 December 2024

186-छाया है कोहरा घना !

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  (चित्र गूगल से साभार ) छाया है कोहरा घना मन है अनमना ! चमकीं हैंं लाइटें गाड़ियों का शोर है जाने दुपहरिया है ? साँझ है कि भोर है  ? धुंध का...
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Wednesday, 1 November 2023

185- अर्घ्य प्रेम का

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  दिल ये चाहे बिखरा दूँ कलियाँ राहों में तेरी । न आँसू तुम कजरा भी नहीं हो नैनों मे बसे । चिरसंगिनी खुशियाँ हों तुम्हारी दुआ हमारी ।...
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Tuesday, 5 September 2023

184- शिक्षक खेवनहार !

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  मात-पिता शिक्षक प्रथम , दूजे शिक्षाधाम तीजे जड़-जंगम जगत , सबको करूँ प्रणाम ।। नन्हें पौधों को दिया, स्नेह सींच विस्तार । माली बनकर आपने...
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Tuesday, 4 July 2023

183- वो मेरी बातों में उलझें !

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                                 (चित्र गूगल से साभार) 1 मेरी मानो हो तो ऐसा कर देना उसके सारे घावों को तुम भर देना । आकर जिसमें चैन मिले ,...
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Saturday, 13 May 2023

182-बस नाम तुम्हारा !

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जन्मा मुझे ,मैं जो भी हूँ उसने ही बनाया खाना, लिखना , बोलना उसने ही सिखाया सही गलत की उसने ही पहचान बताई चलना है मुझे जिसपे सही पथ भी दिख...
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Sunday, 2 April 2023

181- है सुन्दर उपहार ज़िंदगी !

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  है  सुन्दर  उपहार ज़िंदगी सुख-दुख का भण्डार ज़िंदगी । तेरा- मेरा प्यार ज़िंदगी  मीठी- सी तकरार ज़िंदगी । खो बैठे धन अमर-प्रेम का  तब तो केवल ह...
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