डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
बनवासी श्री राम ने ,किया दुष्ट संहार |
सब साधन संपन्न हम ,मिटे न भ्रष्टाचार |
मिटे न भ्रष्टाचार , भूल हम जान न पाए ,
पाया तो जनतंत्र , मंत्र सम्मान न पाए |
जले हृदय का दीप , अमावस, पूरनमासी ,
कुत्सित कर्म ,कुरीत, करें सबको बनवासी ||
रामा दल में धूम है ,प्रमुदित सकल समाज ,
प्रभु कारज जीवन-मरण ,यही याचना आज |
यही याचना आज , भाव शुभ मन में जागें ,
लोभ ,कुटिलता, काम ,निशाचर सारे भागें |
राम नाम के कँवल,खिलें मन-निर्मल जल में ,
कभी न व्यापे मोह ,रहूँ बस रामा दल में ||
शक्ति और शान्ति के शाश्वत स्वर को मुखर करता विजया दशमी पर्व सब ओर सत्य और धर्म की स्थापना करे ...बहुत शुभ कामनाएँ !!
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(चित्र गूगल से साभार )
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