डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
कथा सुनाई राम की , किया बड़ा उपकार |
सदा करेंगे आपका , हे कविवर आभार ||
हे कविवर आभार , दी ऐसी अमृत-धारा ,
करके जिसका पान , मिटे दुख जग का सारा |
नष्ट करे नित पाप , नाम की महिमा गाई ;
धन्य-धन्य हैं आप , राम की कथा सुनाई ||
(चित्र गूगल से साभार )
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महर्षि वाल्मीकि जयन्ती एवं शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (26-10-2018) को "प्यार से पुकार लो" (चर्चा अंक-3136) (चर्चा अंक-3122) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरी अभिव्यक्ति को आपका आशीर्वाद मिला , हृदय से आभार आदरणीय !
ReplyDeleteसदैव स्नेहाशीष रखिएगा |
सादर
बहुत सुंदर, जय सियाराम🙏🙏🙏🌷🌷🌷🌷
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद सुनीता जी , जय सियाराम !
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