डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
1
बहुरंगी दुनिया भले ,रंग भा गए तीन ,
बस केसरिया ,सित ,हरित ,रहें वन्दना लीन।
रहें वन्दना लीन ,
सीख लें उनसे सारी ,
ओज ,शूरता ,त्याग ,शान्ति हो सबसे
प्यारी ।
धरा करे शृंगार ,वीर ही रस हो अंगी ,
नस नस में संचार ,भले दुनिया बहुरंगी ।।
2
बोलें जिनके कर्म ही ,
ओज भरी आवाज़ ,
ऐसे दीपित से रतन ,जनना जननी आज ।
जनना जननी आज ,सुता झाँसी की रानी ,
वीर शिवा सम पुत्र ,भगत से कुछ बलिदानी ।
कुछ बिस्मिल आज़ाद ,
नाम अमृत रस घोलें ,
गाँधी और सुभाष ,भारती माँ जय बोलें ।।
3
एक लड़ाई कल लड़ी ,एक लड़ाई आज ,
विजयी गाथाएँ लिखें ,जिएँ मातृभू काज ।
जिएँ मातृभू काज ,मिटाएँ सब अँधियारा ,
खोलें नयन कपाट ,दिखाएँ कर उजियारा ।
भारत बने महान ,सकल जग करे बड़ाई ,
ठान तमस से रार ,लड़ेंगें एक लड़ाई ।।
हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ .....
ज्योत्स्ना शर्मा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक कल बृहस्पतिवार (15-08-2013) को "जाग उठो हिन्दुस्तानी" (चर्चा मंच-अंकः1238) पर भी होगा!
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ह्रदय से आभार आपका ....एवं स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभ कामनाएँ !
Deleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभ कामनाएँ आपको भी !
Deleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभ कामनाएँ आपको भी !
Deleteतीनों कुण्डलियाँ बहुत भाव प्रवण हैं ।एक लड़ाई कल लड़ी ,एक लड़ाई आज , विजयी गाथाएँ लिखें ,जिएँ मातृभू काज |-देश को मज़बूत करने के लिए आने वाले समय में लड़ने वाली लड़ाई की ओर संकेत किया गया। on भारती माँ जय बो
ReplyDeleteमेरे भावों से समरस आपकी प्रतिक्रिया बहुत प्रेरक और सुखद है ...हृदय से आभार !
Deleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
sundar kundaliyan .... vishesh kar last wali umda ..samyik ..sadar ..jai hind :)
ReplyDeleteहृदय से आभार ...sunita agarwal जी ..बहुत शुभ कामनाएँ !
Deleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
वाह . बहुत उम्दा,
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/