डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
चारों ओर चुनावी चर्चे ,
माँ ! हम अपना फ़र्ज़ निभाएं |
कौन पार्टी 'आमों ' वाली ;
थोड़े आम चलो ले आएँ .....शुभ बाल दिवस !!!
और एक आयोजन यह भी ...
१
उन्होंने ...
बाल दिवस ...
कुछ इस तरह मनाया
आला ब्युटीशियन से
तिनका तिनका बालों का
ख़ूबसूरत ...
हेयर स्टाइल बनवाया !
२
बाल दिवस पर
बाँट कर
शब्दों की मिठाई
नन्हें रामू की
खूब फटकार लगाई..
क्यों रे ....तुझे अब तक
कार धुलनी न आई !
३
उसने कहा ' माँ '
आज बाल दिवस.....
इस तरह मनाना
आप आज मुझे
अकेले मत सुलाना !
~~~~@@@~~~~
सभी चित्र गूगल से साभार
ज्योत्स्ना शर्मा
सुन्दर क्षणिकाएं रची, रची बसी हरमेल |
ReplyDeleteबाल दिवस कैसे मना, मना कर दिया खेल |
मना कर दिया खेल, बाल की खाल निकाले |
किटी पार्टी जाय, कार को साफ़ धुला ले |
नहीं बाल कानून, बाल बांका कर पाये |
चाचा चाची मस्त, रची सुन्दर क्षणिकाएं ||
सुन्दर रचना के साथ आपकी उपस्थिति सुखद है ..बहुत बहुत आभार |
Deleteसादर !
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।। त्वरित टिप्पणियों का ब्लॉग ॥
ReplyDeleteइस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार |
Deleteसादर !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (15-11-2013) को "आज के बच्चे सयाने हो गये हैं" (चर्चा मंचःअंक-1430) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रचनाओं को मिले स्नेह और सम्मान के लिए हृदय से आभार आपका |
Deleteसादर !
खूबसूरत अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteइस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार |
Deleteसादर !
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteइस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार |
Deleteसादर !
सुन्दर भावों का संचरण करती सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteइस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार |
Deleteसादर !
बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteनई पोस्ट लोकतंत्र -स्तम्भ
इस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार |
Deleteसादर !
वाह ! गुदगुदाने वाली क्षणिकाएं !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार ..अनिता जी |
ReplyDeleteसादर !
सभी कविताएं सरस और सहज हैं , हार्दिक बधाई !
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