डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
चाक जिगर पर ख़ुशबू से तर देखे हैं ,
हमने उनके.......काँटों में घर देखे है |
सिर्फ दुआएँ लब पर ममता , दुनिया ने ,
उस मूरत में............पीर-पयंबर देखे हैं |
जिन पर अक्सर होता है विश्वास बहुत ,
उन हाथों में.........हमने खंजर देखे हैं |
खोला पिंजर ,कल जिसको आज़ाद किया ,
उस चिड़िया के.......कतरे से पर देखे हैं |
हाफ़िज़ तक महफूज़ नहीं इन आँखों ने ,
जाने कैसे – कैसे............मंज़र देखे हैं |
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बहुत सुंदर ।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
जिन पर अक्सर होता है विश्वास बहुत ,
ReplyDeleteउन हाथों में.........हमने खंजर देखे हैं |
...वाह...लाज़वाब ग़ज़ल...
हृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
बहुत सुंदर.
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
वाह! बेहद खूबसूरत ग़ज़ल …हर शेर नायाब...
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
जिन पर अक्सर होता है विश्वास बहुत ,
ReplyDeleteउन हाथों में.........हमने खंजर देखे हैं
लाजवाब .. सच कि अभिव्यक्ति है ये शेर ... लाजवाब गज़ल ..
हृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
जिन पर अक्सर होता है विश्वास बहुत ,
ReplyDeleteउन हाथों में.........हमने खंजर देखे हैं |
.....लाज़वाब ग़ज़ल...
हृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
your article so amazing and informative. Your writing skill is also very well. Your article is really addictive. Keep posting. keep sharing the knowledge. I love to read your articles.
ReplyDeletehanumanchalisalyrics