Thursday, 1 May 2014

नमन !!!

डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

रचता सकल समाज को ,सारे सुख आराम |
उस कर्मठ कर को करूँ ,सादर नमन , प्रणाम ||

शठ से तो शठता भली ,भले-भलाई आज |
तेरे-मेरे मन जिएँ , सदा वीर शिवराज ||

योगी हों श्री कृष्ण से ,मर्यादा में राम |
दुष्टों के प्रतिकार को ,नमन हे परशुराम !!

'मजदूर दिवस' ,'शिवाजी जयंती ' और 'परशुराम जयंती ' के अवसर पर ..
उनके लिए सादर नमन-वंदन ..और ....

आपके लिए बहुत शुभ कामनाओं के साथ ..

ज्योत्स्ना शर्मा

12 comments:

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर
      ज्योत्स्ना

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  2. Replies
    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर
      ज्योत्स्ना

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  3. सभी दोहे सारयुक्त और प्रभाव छोरने वाले

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर
      ज्योत्स्ना

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सुप्रभात।
    प्रकृति ने आपको सब कुछ दिया है,
    आपने प्रकृति को क्या दिया है ।
    आप प्रकृति के स्वच्छता पर कितना ध्यान देते है ।
    आपके जीवन का प्रकृति पर क्या मतलब है !
    अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएँ। नमस्ते जी।

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर
      ज्योत्स्ना

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  5. अनुपम भाव… सुंदर पंक्तियाँ...शुभकामनाएँ…

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर
      ज्योत्स्ना

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  6. योगी हों श्री कृष्ण से ,मर्यादा में राम |
    दुष्टों के प्रतिकार को ,नमन हे परशुराम !!

    बहुत सुन्दर भाव और यथार्थ दर्शाती पंक्तियाँ

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  7. हृदय से आभार आपका |
    सादर
    ज्योत्स्ना

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