डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
रचता सकल समाज को ,सारे सुख आराम |
उस कर्मठ कर को करूँ ,सादर नमन , प्रणाम ||
शठ से तो शठता भली ,भले-भलाई आज |
तेरे-मेरे मन जिएँ , सदा वीर शिवराज ||
योगी हों श्री कृष्ण से ,मर्यादा में राम |
दुष्टों के प्रतिकार को ,नमन हे परशुराम !!
'मजदूर दिवस' ,'शिवाजी जयंती ' और 'परशुराम जयंती ' के अवसर पर ..
उनके लिए सादर नमन-वंदन ..और ....
आपके लिए बहुत शुभ कामनाओं के साथ ..
ज्योत्स्ना शर्मा
रचता सकल समाज को ,सारे सुख आराम |
उस कर्मठ कर को करूँ ,सादर नमन , प्रणाम ||
शठ से तो शठता भली ,भले-भलाई आज |
तेरे-मेरे मन जिएँ , सदा वीर शिवराज ||
योगी हों श्री कृष्ण से ,मर्यादा में राम |
दुष्टों के प्रतिकार को ,नमन हे परशुराम !!
'मजदूर दिवस' ,'शिवाजी जयंती ' और 'परशुराम जयंती ' के अवसर पर ..
उनके लिए सादर नमन-वंदन ..और ....
आपके लिए बहुत शुभ कामनाओं के साथ ..
ज्योत्स्ना शर्मा
सुंदर !
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
बहुत सुंदर.
ReplyDeleteनई पोस्ट : पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत
हृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
सभी दोहे सारयुक्त और प्रभाव छोरने वाले
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सुप्रभात।
ReplyDeleteप्रकृति ने आपको सब कुछ दिया है,
आपने प्रकृति को क्या दिया है ।
आप प्रकृति के स्वच्छता पर कितना ध्यान देते है ।
आपके जीवन का प्रकृति पर क्या मतलब है !
अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएँ। नमस्ते जी।
हृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
अनुपम भाव… सुंदर पंक्तियाँ...शुभकामनाएँ…
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका |
Deleteसादर
ज्योत्स्ना
योगी हों श्री कृष्ण से ,मर्यादा में राम |
ReplyDeleteदुष्टों के प्रतिकार को ,नमन हे परशुराम !!
बहुत सुन्दर भाव और यथार्थ दर्शाती पंक्तियाँ
हृदय से आभार आपका |
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना