Friday, 4 September 2015

कृष्ण ही प्रीत है



डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 


कृष्ण ही प्रीत है,कृष्ण शृंगार है
कृष्ण राधा के जीवन का आधार है
चोर माखन का,वंशी बजैया भी है
विष भरे कालिया का नथैया भी है
काल असुरों का,मैया का प्यारा लला
द्रौपदी का सुदामा का सच्चा सखा
रास मधुबन में आकर रचाता वही 
ज्ञान गीता का रण में सुनाता वही
उसकी गाथा मधुर रस भरा गीत है
कृष्ण जीवन का हम सबके संगीत है .........
         
            अद्भुत चरित्र ...कृष्ण तो नाम ही आकर्षण का है । रास रचाता है तो योगेश्वर भी है ।गैया चराता है तो गीता का ज्ञान भी देता है । ऊखल से बँधता है तो भयंकर असुरों का संहारक भी है । ऐसे मधुर ,ऊर्जा से भरे ,चोर लेकिन विश्व भर के लाड़ले कृष्ण के जन्मदिन पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ..मेरे लीलाधर अपनी कृपा सब पर बरसाएँ !!

-ज्योत्स्ना शर्मा

४-९-१५
(चित्र गूगल से साभार )

14 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (05-09-2015) को "राधाकृष्णन-कृष्ण का, है अद्भुत संयोग" (चर्चा अंक-2089) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा शिक्षक-दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह और सम्मान के लिए हृदय से आभार आदरणीय !
      सादर

      Delete
  2. हर परिस्थिति में जीने का सलीका सिखाया है भगवान कृष्ण ने तभी तो वे योगेश्वर कहलाते हैं
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    जन्माष्टमी की हार्दिक मंगलकामनाएं

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह और सम्मान के लिए हृदय से आभार आदरणीया !
      सादर

      Delete
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति, सोलह कलाओं में पारंगत श्रीकृष्ण हमारे सच्चे मार्गदर्शक हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
    Replies
    1. हृदय से धन्यवाद और बहुत-बहुत शुभ कामनाएँ आपको !

      सादर
      ज्योत्स्ना शर्मा

      Delete
  4. सुन्दर प्रस्तुति

    ReplyDelete
    Replies
    1. हृदय से आभार आपका !

      सादर
      ज्योत्स्ना शर्मा

      Delete
  5. कृष्ण की बहुत सुंदर आराधना ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हृदय से आभार आपका !

      सादर
      ज्योत्स्ना शर्मा

      Delete
  6. बहुत सुन्दर रचना...हार्दिक बधाई...|

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत आभार प्रियंका जी !

      सादर
      ज्योत्स्ना शर्मा

      Delete
  7. कृष्ण का आकर्षण सदेव उसपे लिखी रचनाओं के प्रति खींच लाता है ... सुन्दर रचना ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. सच कहते हैं आदरणीय ...मोहक मोहन पर कुछ कह सकें इतनी सामर्थ्य कहाँ हमारी !

      बहुत आभार यहाँ प्रेरक उपस्थिति के लिए !

      सादर
      ज्योत्स्ना शर्मा

      Delete