Saturday, 14 September 2013

शुभ हिंदी दिवस !!


डॉñ ज्योत्स्ना शर्मा
1
मन वीणा में वास हो ,दिशि दिशि गुंजित गीत ।
बरसे रस हिंदी सदा , बजे मधुर संगीत ।।
2
गूँथे सबको हार में ,तेरे रूप अपार ।
हिंदी आँचल में भरे ,जैसे माँ का प्यार ।।
3
शब्दों के मोती भरे ,भाव भरा संसार ।
जननी संस्कृत से सदा ,संयोजित हैं तार ।।
4
उड़ने को आकाश है ,डूबे गहरा नीर ।
भक्ति ,प्रेम ,परिहास है ,हिंदी मन की पीर ।।
5
पूरब से पश्चिम चले ,हिंदी मधुर बयार ।
उत्तर -दक्षिण हिन्द हो ,समाहार ,बलिहार ।।

-0-

16 comments:

  1. ज्योत्स्ना जी आपके सभी दोहे माधुर्य भाव से भरे हैं और हिन्दी के महत्त्व को सहजता से प्रतिपादित करने में सक्षम हैं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार |

      सादर !

      Delete
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल में शामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा {रविवार} 15/09/2013 को ज़िन्दगी एक संघर्ष ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः005 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें। कृपया आप भी पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | सादर ....ललित चाहार

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार आपका |

      सादर !

      Delete
  3. हिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें |

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार आपका |

      सादर !

      Delete
  4. गूँथे सबको हार में ,तेरे रूप अपार ।
    हिंदी आँचल में भरे ,जैसे माँ का प्यार ।।

    बहुत सुंदर अनुभूति
    बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार आपका |

      सादर !

      Delete
  5. बहुत सुंदर रचना
    हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार आपका |

      सादर !

      Delete
  6. पूरब से पश्चिम चले ,हिंदी मधुर बयार ।
    उत्तर -दक्षिण हिन्द हो ,समाहार ,बलिहार ..

    बहुत ही सुन्दर दोहे ... हिंदी सभी जान है ... भाषा हमारा सामान है ...
    हिंदी दिवस की शुभकामनायें ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार आपका |

      सादर !

      Delete
  7. बहुत सुंदर भाव!
    अति सुंदर शब्द चयन व संयोजन!
    बहुत-बहुत बधाई आपको!!!
    <3

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस स्नेह सम्मान के लिए हृदय से आभार आपका |

      सादर !

      Delete
  8. गूँथे सबको हार में ,तेरे रूप अपार ।
    हिंदी आँचल में भरे ,जैसे माँ का प्यार ।।

    .....बहुत सुंदर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद संजय भास्कर जी |
      सादर !

      Delete