Thursday, 17 October 2013

सुधा बरसती शारदी !!

                                                                चित्र :गूगल से साभार
डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा 

सुधा बरसती शारदी , शीतल ,सुन्दर रात ,
अद्भुत ,वाणी से परे , पावनता की बात |
पावनता की बात  , साँवरा रास रचाए ,
दर्प भरे कन्दर्प  , मात कान्हा से खाए |
संग राधिका श्याम,निरख मन कली सरसती ,
सुन वंशी की तान  , लगे ज्यूँ सुधा बरसती ||

शरत् पूर्णिमा की रात काम को भी जीत लेने वाले मेरे कान्हा सभी के मन को मधुरता और पवित्रता से परिपूर्ण करें .....जय श्री कृष्णा !!

................ज्योत्स्ना शर्मा 

10 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (19-10-2013) "शरदपूर्णिमा आ गयी" (चर्चा मंचःअंक-1403) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर !

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  2. शरत् पूर्णिमा की रात काम को भी जीत लेने वाले मेरे कान्हा सभी के मन को मधुरता और पवित्रता से परिपूर्ण करें .....जय श्री कृष्णा !!

    राधे !राधे !कृष्ण की आराध्या राधा। राधा को कृष्ण पूजते हैं। कृष्ण को राधा। यही तो योगमाया। सुन्दर प्रस्तुति। सुन्दर रास ,कृष्ण विलास।

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर !

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर !

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  4. बेहद उम्दा प्रस्तुति |

    मेरी नई रचना:- "झारखण्ड की सैर"

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर !

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  5. आपके ब्लॉग को ब्लॉग"दीप" में शामिल किया गया है | जरूर पधारें और हमे फॉलो कर उत्साह बढ़ाएँ |

    ब्लॉग"दीप"

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    1. हृदय से आभार आपका |
      सादर !

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