डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
नवागत स्वागत करूँ तुम्हारा अभिनन्दन ! अक्षत आशा ,विश्वासों का ले कुमकुम चन्दन रहें सुवासित पवन जल निर्मल , हो निष्कंप धरा कभी न उमड़े सागर मन में पीर भरा याचित यही मुरझाये मन और नयन को दे मोती सी आभ रहें न वंचित नन्हे कर को देना कलम-किताब कर स्वीकार ,समय-नंदन !!! सब प्रकार से स्वस्थ ,सुन्दर ,मंगलमय नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ ........ ज्योत्स्ना शर्मा |
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
गये साल को है प्रणाम!
है नये साल का अभिनन्दन।।
लाया हूँ स्वागत करने को
थाली में कुछ अक्षत-चन्दन।।
है नये साल का अभिनन्दन।।...
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नवल वर्ष 2014 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
हृदय से आभार एवं सपरिवार आपके लिये भी नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं !
Deleteसादर !
हो जग का कल्याण, पूर्ण हो जन-गण आसा |
ReplyDeleteहों हर्षित तन-प्राण, वर्ष हो अच्छा-खासा ||
शुभकामनायें आदरणीय
हृदय से आभार एवं सपरिवार आपके लिये भी नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं !
Deleteसादर !
utam
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार ...Aditya Tikku ji
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