Sunday, 14 September 2014

हुई कण्ठहार हिंदी !!

हिंदी दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ ......

डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

भारत का ,भारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !

प्रगति का ,परम्परा का 
सुखदायी योग तुझमें ,
ममता और त्याग ,भक्ति 
ओजस नियोग तुझमें |
पीयूष-पयोधि, रस का ,
अतुलित आगार  हिंदी ||

भारत का, भारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !

बढ़कर विजय के पथ पर 
अब कहीं कदम न ठहरे ,
जग में पताका यश की 
दिग-दिगंत मात फहरे |
प्रतिपल हृदय का तुझसे 
जुड़े तार-तार हिंदी ||

भारत का , भारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !

~~~@@@~~~
चित्र गूगल से साभार 


10 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (15-09-2014) को "हिंदी दिवस : ऊंचे लोग ऊंची पसंद" (चर्चा मंच 1737) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच के सभी पाठकों को
    हिन्दी दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. हार्दिक धन्यवाद आदरणीय !

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  2. सुंदर प्रस्तुति । हिंदी दिवस पर शुभकामनाऐं ।

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    1. हार्दिक धन्यवाद आदरणीय !

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  3. बहुत बहुत आभार आशीष भाई ...शुभ कामनाएँ !!

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  4. अहा ! आज के दिन इससे सुंदर पंक्तियां और क्या हो सकती हैं भला । बहुत ही सुंदर ..हिंदी दिवस की शुभकामनाएं स्वीकारें

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  5. इस सहृदय प्रोत्साहन के लिए बहुत-बहुत आभार संजय जी ...शुभ कामनाएँ !

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  6. भारत का, भारती का
    शोभन शृंगार हिंदी...
    बहुत ख़ूब, सुंदर और सारगर्भित रचना....हिंदी दिवस पर उत्कृष्ट प्रस्तुति...

    हिंदी अपनी शान है, हिंदी ही पहचान...हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई!!

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  7. इस सहृदय प्रोत्साहन के लिए बहुत-बहुत आभार हिमकर श्याम जी ...शुभ कामनाएँ !

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