डॉ •ज्योत्स्ना शर्मा
कहीं अकेली कभी न जाना
ये दुनिया बहुत सताती
है ,
तनहाई में अक्सर बिटिया
गुड़िया को यह समझाती
है |
दिखे समाधि गाँधी जी
की
छू आने की जिद मत करना
,
आज़ादी का जश्न देखने
अब जाने की जिद मत
करना
कल तक थी जो दिल वालों
की
अब तो बस दिल दहलाती
है |
तनहाई में अक्सर
बिटिया
गुड़िया को यह समझाती
है |
बचकर भला किधर जाओगी
डर जाओगी ,मर जाओगी
याद रहे ये बात किसी
से
कुछ न कभी लेकर खाओगी
बनो न चिड़िया, बनो शेरनी
ये कह कर दिल बहलाती
है
तनहाई में अक्सर
बिटिया
गुड़िया को यह समझाती
है
-0-
20-04-13
मन को छू गयी आपकी यह रचना
ReplyDeletehriday se aabhaar ..Vandana ji
Deletesaadar
jyotsna sharma
आपकी यह पोस्ट आज के (२ मई, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - आज की बड़ी खबर सरबजीत की मौत पर लिंक की जा रही है | हमारे बुलेटिन पर आपका हार्दिक स्वागत है | आभार और बधाई |
ReplyDeletehriday se aabhaar Tushar ji
Deletesaadar
jyotsna sharma