चित्र गूगल से साभार
इस बेमकसद शोर में,कलम रही जो मौन |
तेरे-मेरे दर्द को , और कहेगा कौन ||१
शब्दों में आराधना , अर्थ मिला बाज़ार |
अकथ कथा है पीर की , घर में भी लाचार ||२
जीवन की संजीवनी , आप करे संघर्ष |
देख दशा ,तेरी दिशा , शोक करें या हर्ष ||३
तितली , चिड़िया , मोरनी ,तुलसी नहीं ,न दूब |
इस बेमकसद शोर में,कलम रही जो मौन |
तेरे-मेरे दर्द को , और कहेगा कौन ||१
शब्दों में आराधना , अर्थ मिला बाज़ार |
अकथ कथा है पीर की , घर में भी लाचार ||२
जीवन की संजीवनी , आप करे संघर्ष |
देख दशा ,तेरी दिशा , शोक करें या हर्ष ||३
तितली , चिड़िया , मोरनी ,तुलसी नहीं ,न दूब |
एक जहाँ इनसे अलग ,रचा आपने खूब ||४
आज अँधेरों को चलो , दिखला दें यह रूप |
एक हाथ में चाँदनी ,एक हाथ में धूप ||५
लिखना है तुझको यहाँ ,खुद ही अपना भाग |
सरस सृजन की जोत तू , कलुष-दहन की आग ||६
आज अँधेरों को चलो , दिखला दें यह रूप |
एक हाथ में चाँदनी ,एक हाथ में धूप ||५
लिखना है तुझको यहाँ ,खुद ही अपना भाग |
सरस सृजन की जोत तू , कलुष-दहन की आग ||६
न्याय और अन्याय को , रच ऐसा संसार |
इत बरसे रस की सुधा , उत बरसे अंगार ||७
महिला दिवस पर ...
हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ ....
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
~~~~~~******~~~~~~
उपमाओं के ज़रिये सार्थक सन्देश देती हुई बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeletebahut aabhaar aapakaa !
Deletesaadar !
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायेँ ।
सुंदर रचना ।
bahut aabhaar aapakaa !
Deletesaadar !
सार्थक संदेश देती रचना.
ReplyDeleteशुभकामनाएँ !
नई पोस्ट : पंचतंत्र बनाम ईसप की कथाएँ
bahut aabhaar aapakaa !
Deletesaadar !
बहुत ही सुन्दर और सार्थक रचना…भावों की गहराई तो है ही, साथ ही शब्दों की लयात्मकता भी है.
ReplyDeleteअब सार्थक महिला दिवस मनाएँ, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ …
bahut aabhaar aapakaa !
Deletesaadar !
सभी दोहे सार्थक सन्देश सँजोए हुए । यह दोहा बहुत ही गहन अर्थ की सम्पदा लिये हुए है- आज अँधेरों को चलो , दिखला दें यह रूप |
ReplyDeleteएक हाथ में चाँदनी ,एक हाथ में धूप ||५
हृदय से धन्यवाद भाई जी !
ReplyDeleteसादर !
~ बेहतरीन ~
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका !
Deleteसादर
ज्योत्स्ना