Sunday, 26 July 2015

वंदन-अभिनन्दन !





करगिल के अमर सपूतों के प्रति शत-शत नमन के साथ
     - ज्योत्स्ना शर्मा 
मुश्किलों से जूझते हैं और रहते हैं मगन भी ,
हौसलों के पंख लेकर ,रोज छूते हैं गगन भी |
जिस तरह से कंटकों में, फूल महकाएँ चमन को ;
सींच कर खुशियाँ लहू से ,वो सजाते हैं वतन भी ||

भारत माता के चरणों का ,हम वंदन हो जाएँगे ,
ओजस्वी मन और वचन का, अभिनन्दन हो जाएँगे |
घिस-घिस महकें माथे उनके ,इतनी सी है अभिलाषा ;
नित्य मात के पूजन-अर्चन में चन्दन हो जाएँगे || 

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20 comments:

  1. बहुत हि सुन्दर गीत ... नमन है कारगिल के अमर वीरों को ...

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  2. देश केअमर शहीदों को कोटी कोटी नमन।और भावभीनी श्रादांजिली ।अमर शहीदों के दम से ही जिन्दा है हम ।उन पर देश को सदा मान है ।बहुत सुन्दर गीत हैज्योतसना जी ... वधाई ।

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  3. बहुत ही सुंदर गीत। शहीदों को नमन।

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  4. बहुत सुंदर गीत। अमर शहीदों को श्रद्धांजलि

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    1. हार्दिक धन्यवाद दीदी !

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  5. बहुत सुन्दर गीत ज्योत्स्ना जी! अमर शहीदों को कोटिश नमन!

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    1. हार्दिक धन्यवाद दीदी !

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  6. मुश्किलों से जूझते हैं और रहते हैं मगन भी ,
    हौसलों के पंख लेकर ,रोज छूते हैं गगन भी |

    ekdam sach bahut achhi rachna likhi aapne bahut bahut shubhkamnaye...

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    1. हार्दिक धन्यवाद भावना जी !

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  7. देश के लिये मर मिटने वाले अमर शहीदों के बलिदान पर श्रद्धांजलि स्वरूप यह बहुत उत्तम गीत के लिये ,ज्योत्सना जी आपको बधाई।

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    1. हार्दिक धन्यवाद रेणु जी !

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  8. bahut hi bhavpurn rachna hai.jyotsna ji badhai.
    pushpa mehra.

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    1. हार्दिक धन्यवाद पुष्पा दीदी !

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  9. veer saputo ko samrpit lajwab prastuti naman un saputo ko naman apki lekhni ko ___/\

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    1. हार्दिक धन्यवाद सुनीता जी !

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  10. ज्योत्सना जी जवानों की मुश्किलों की ओर ध्यान लाने के लिए जो शब्द आपने अपनी कविता में लिखे हैं काबिलेतारीफ हैं |

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