करगिल के अमर सपूतों के प्रति शत-शत नमन के साथ
- ज्योत्स्ना शर्मा
मुश्किलों से जूझते हैं और रहते
हैं मगन भी ,
हौसलों के पंख लेकर ,रोज छूते हैं गगन भी |
जिस तरह से कंटकों में, फूल महकाएँ चमन को ;
सींच कर खुशियाँ लहू से ,वो सजाते हैं वतन भी ||
भारत माता के चरणों का ,हम वंदन हो जाएँगे ,
ओजस्वी मन और वचन का, अभिनन्दन हो जाएँगे |
घिस-घिस महकें माथे उनके ,इतनी सी है अभिलाषा ;
नित्य मात के पूजन-अर्चन में
चन्दन हो जाएँगे ||२
*********~~~~~~~*********
बहुत हि सुन्दर गीत ... नमन है कारगिल के अमर वीरों को ...
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका !
Deleteदेश केअमर शहीदों को कोटी कोटी नमन।और भावभीनी श्रादांजिली ।अमर शहीदों के दम से ही जिन्दा है हम ।उन पर देश को सदा मान है ।बहुत सुन्दर गीत हैज्योतसना जी ... वधाई ।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका !
Deleteबहुत ही सुंदर गीत। शहीदों को नमन।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका !
Deleteबहुत सुंदर गीत। अमर शहीदों को श्रद्धांजलि
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद दीदी !
Deleteबहुत सुन्दर गीत ज्योत्स्ना जी! अमर शहीदों को कोटिश नमन!
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद दीदी !
Deleteमुश्किलों से जूझते हैं और रहते हैं मगन भी ,
ReplyDeleteहौसलों के पंख लेकर ,रोज छूते हैं गगन भी |
ekdam sach bahut achhi rachna likhi aapne bahut bahut shubhkamnaye...
हार्दिक धन्यवाद भावना जी !
Deleteदेश के लिये मर मिटने वाले अमर शहीदों के बलिदान पर श्रद्धांजलि स्वरूप यह बहुत उत्तम गीत के लिये ,ज्योत्सना जी आपको बधाई।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद रेणु जी !
Deletebahut hi bhavpurn rachna hai.jyotsna ji badhai.
ReplyDeletepushpa mehra.
हार्दिक धन्यवाद पुष्पा दीदी !
Deleteveer saputo ko samrpit lajwab prastuti naman un saputo ko naman apki lekhni ko ___/\
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद सुनीता जी !
Deleteज्योत्सना जी जवानों की मुश्किलों की ओर ध्यान लाने के लिए जो शब्द आपने अपनी कविता में लिखे हैं काबिलेतारीफ हैं |
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका !
Delete