Wednesday, 24 August 2016

जादूगर कैसे हो !







डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

1
उमड़ेफिर बरस गए
ये नैना कान्हा
दर्शन को तरस गए ।
2
दर्पण से धूल हटा
झलक उठे मन में
मोहन की मधुर छटा ।
3
दिल खूब चुराता है
लाल यशोदा का
फिर भी क्यों भाता है ।
4
दाऊ के भैया ने
सबको त्राण दिया
उस नाग-नथैया ने ।
जादूगर कैसे हो
जो जिस भाव भजे
उसको तुम वैसे हो ।
6
इक राह दिखाई है
मीत सुदामा के
क्या रीत निभाई है।
7
मन उजला तन काला
मोह गया मोहन
मन, बाँसुरिया वाला ।
8
मुख अमरित का प्याला
कितनी छेड़ करे
यह नटखटगोपाला !
9
भोली -सी सूरत पे
रीझ गई रसिया
मैं प्यारी मूरत पे ।
10
भक्तों को मान दिया ।
मोह पड़े अर्जुन
गीता का ज्ञान दिया ।

~~~~~~*****~~~~~~
(चित्र गूगल से साभार ) 

11 comments:

  1. दर्पण से धूल हटा
    झलक उठे मन में
    मोहन की मधुर छटा । श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएँ !!

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 25 - 08 - 2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2445 {आंतकवाद कट्टरता का मुरब्बा है } में दिया जाएगा |
    धन्यवाद

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    1. hruday se dhanyawaad aadraniiy !
      shree krishna janmaashtamii ke pavan parv par haardik shubh kaamanaayen !

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  3. वाह! कान्हा के रंग रंगे ... मनमोहक माहिया ~ बहुत सुंदर !
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!

    ~सादर
    अनिता ललित

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    1. बहुत-बहुत आभार सखी !
      आपको भी हार्दिक शुभ कामनाएँ !

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  4. जादूगर कैसे हो
    जो जिस भाव भजे
    उसको तुम वैसे हो ।
    ..बहुत सुन्दर
    ..जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

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    1. हृदय से धन्यवाद आपका !
      हार्दिक शुभ कामनाएँ !!

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  5. उम्दा लिखा है |

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    1. हृदय से धन्यवाद आपका !
      हार्दिक शुभ कामनाएँ !!

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  6. बहुत सुन्दर .. भावपूर्ण है हर छंद ... कृष्ण प्रेम का आलोकिक भाव लिए ...

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  7. हृदय से धन्यवाद आपका !
    हार्दिक शुभ कामनाएँ !!

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