Monday, 1 June 2015

गर्मी के तेवर !!!!


डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
1
दिन  ने खोले नयन जब ,बड़ा विकट था हाल ,
पवन,पुष्प ,तरु ,ताल ,भू ,सबके सब बेहाल।

सबके सब बेहाल ,कुपित कुछ लगते ज़्यादा  ,
ले आँखों अंगार , खड़े थे सूरज दादा।

घोल रहा विष कौन .गरज कर तब वह बोले ,
लज्जित मन हैं मौन , नयन जब दिन  ने खोले।।१  
2
गर्मी के तेवर बढ़े ,और बिजुरिया  गोल , 
शरबत , लस्सी  ,छाछ पर , चल अब हल्ला  बोल।

चल अब हल्ला बोल , आम सा फल नहीं दूजा  ,
भाया है तरबूज , और मीठा खरबूजा।

नींबू , पना , सलाद , भरे तबियत में नर्मी  ,
वश में हों हालात  , शांत हो थोड़ी गर्मी ।।२ 
 -0-
(चित्र गूगल से साभार )

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5 comments:

  1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका !

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  2. मौसम के अनुकूल कुण्डलिया, सूरज के तेवर दिन ब दिन तीखे हो रहे हैं
    मेरे ब्लॉग पर आयें, आपका स्वागत हैं...

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