Monday 25 January 2021

152- जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !


 🌷🙏🌷 गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌷🙏🌷


 कण-कण मुग्ध करे मन-मानस

बहे प्रेम की धारा !

जय जनतंत्र हमारा !  जय गणतंत्र हमारा !


उन्नत मस्तक शिखर हिमालय

मात वैष्णों ,अमर शिवालय

सुंदर झील, नदी-नद न्यारे

श्री ,कश्मीर सभी को प्यारे

हिम कण बरसें, कहीं मोहता

फूलों भरा शिकारा

जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !


फूलों की घाटी मन भावन

सागर तीर्थ सुपूजित पावन

राम ,कृष्ण से धन्य धरा है

बुद्ध ,विवेक ,महावीरा है

पाठ अहिंसा का देकर फिर

अप्पो दीप पुकारा

जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !


गाँधी और सुभाष वीर ने

सुख ,बिस्मिल,आज़ाद धीर ने

भगत सिंह ,झाँसी की रानी

कितने ही अनगिन बलिदानी

सुत अश्फ़ाक ,अब्दुल हमीद ने

अपना जीवन वारा !

जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !


वेदों का विज्ञान न भूलो

भाभा और कलाम न भूलो

दुर्गा ,इन्दिरा और सुनीता

हुई कल्पना परम पुनीता

सकल जगत में धूम ,तिरंगे-

का सम्मान सँवारा !

जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !

~~~~~~ॐ~~~~~~


Jyotsna Sharma

25 comments:

  1. सभी भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सुंदर तथा देश भक्ति से ओतप्रोत रचना है

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार , आपका साथ नए लेखन की ऊर्जा देता है 🌷🙏

      Delete
  3. बहुत सुन्दर।
    72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हृदय से आभार आदरणीय!
      सभी भारत वासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐

      Delete
  4. बहुत सुंदर...जय हिंद

    ReplyDelete
  5. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (27-01-2021) को  "गणतंत्रपर्व का हर्ष और विषाद" (चर्चा अंक-3959)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद आदरणीय ।
      इस प्रोत्साहन भरे सहयोग के लिए आभार और नमस्कार स्वीकार कीजिए 💐🙏💐

      Delete
  6. Replies
    1. मैं भी इस अप्रूवल के झंझट से खिन्न हो जाती हूं।
      सादर

      Delete
    2. ज्योत्स्ना शर्मा27 January 2021 at 23:21

      बहन क्षमा चाहती हूँ

      Delete
  7. बहुत सुंदर भावों से सुसज्जित देशप्रेम से ओतप्रोत सुंदर गीत।

    ReplyDelete
    Replies
    1. गीत के प्रति आपकी सहृदय प्रतिक्रिया मेरी लेखनी को ऊर्जा दे गई , बहुत आभार आपका 🌻🙏

      Delete
  8. ये देखकर बड़ा हर्ष हो रहा कि हम सब देशप्रेम के सुन्दर और अनोखे सूत्र में बंधे हुए हैं जो हमारे गणतंत्र को निरंतर दृढ़ता और मजबूत धागे में बाँध कर रखने में सक्षम है..सुन्दर कृति के लिए बधाई हो दोस्त!

    ReplyDelete
    Replies
    1. सुन्दर, सकारात्मक,स्नेह से परिपूर्ण उपस्थिति के लिए हृदयतल से आभार सखी!
      ईश्वर सदैव इस बन्धन को अटूट रखें 🙏

      Delete
  9. बहुत सुंदर । यह काव्य-रचना ऐसी है मानो सुगंधित फूलों को एक मनोहारी वेणी में गूंथा गया हो ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सुन्दर , प्रेरक वचनों के साथ उपस्थिति के लिए हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ 🙏

      Delete
  10. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद आपका 🙏

      Delete
  11. देशप्रेम से सुसज्जित सुंदर मनभावन सृजन, जय हिन्द

    ReplyDelete
  12. प्रेरक प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार सखी!
    जय हिन्द @

    ReplyDelete