Wednesday 1 November 2023

185- अर्घ्य प्रेम का

 



दिल ये चाहे
बिखरा दूँ कलियाँ
राहों में तेरी ।

न आँसू तुम
कजरा भी नहीं हो
नैनों मे बसे ।

चिरसंगिनी
खुशियाँ हों तुम्हारी
दुआ हमारी ।

लाज-चूनर
उमंगों के कंगन
प्रेम का अर्घ्य ।

सौभाग्य माँगूँ
खुशियों की पायल
बजती रहे ।

हों पूरे सदा-
नयनों में सजे जो,
ख्वाब तुम्हारे ।

तेरे प्यार ने
नहीं बुझने दिया
जीवन-दिया ।

मेरी दुआएँ
सजनी सदा संग
पिया का पाएँ ..... करक चतुर्थी पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐

ज्योत्स्ना 




13 comments:

  1. मेरी दुआएँ
    सजनी सदा संग
    पिया का पाएँ .....करक चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ !

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  2. सुन्दर | शुभकामनाएं |

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शनिवार 02 नवंबर 2023 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  4. आदरणीया मैम, बहुत ही सुंदर एवं भावपूर्ण रचना । प्रत्येक स्त्री के जीवन में सुख और सौभाग्य की कामना करती हर पंक्ति अपने आप में अत्यंत मधुर है। पर्वों की बेला की हार्दिक शुभकामनायें । हार्दिक आभार एवं पुनः प्रणाम ।

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    1. हृदय से आभार आपका, शुभकामनाएं 💐🙏

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  5. बहुत सुंदर रचना

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  6. आपके ब्लॉग की परिचय-पंक्ति को ही चरितार्थ करते हैं ये उद्गार - सहज भावों की अभिव्यक्ति। अभिनंदन एवं शुभकामनाएं।

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