डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 
घूम-घूम झालर 
फ्रॉक हमारी ।
पूँछ उठाए 
यूँ मुँह धोए जाए 
ये प्यारी गिल्लू ।
तीखी , ततैया  
मिर्च हरी भाए है 
हो मीठे भैया !
मछली रानी 
डूब, डूब देख आ 
कित्ता है पानी ?
अम्मा हमारी 
कहें मुझको राजा
दें काम भारी |
यही है स्वप्न -
तुम किरण । 
-0-
बाल दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएँ !!!!
(चित्र गूगल से साभार )
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