Tuesday 21 July 2015

एक लड़की !


प्यारी बेटियों को समर्पित ...एक कविता ......

डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 


क्या कहें क्या कमाल करती है,
वक़्त से भी सवाल करती है ।१ 

बेफिकर ख़ुद ,जहान के ग़म पे,
आँख रो-रो के लाल करती है ।२ 

खींच कर कौन खुश लकीरें ये ?
हाय ! कहकर मलाल करती है।३ 


खूब हँसती है तो कभी रोकर ,
रीते आँखों के ताल करती है।४ 

चोट खाकर भी ,मीठी बातों से,
देखिए तो ! निहाल करती है।५ 

प्यार अम्माँ से बहुत ,बाबा का,
दिल से कितना ख़याल करती है।६

आज  चर्चा है इन हवाओं में 
काम वो बेमिसाल करती है ।।७

एक लड़की है दिल की बस्ती में ,
हक़ से रहती ,धमाल करती है।८ 


*****~~~~~*****
(चित्र गूगल से साभार )

38 comments:

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    1. हृदय से धन्यवाद आदरणीय !

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  2. यथार्थ को प्रकाशित कराती उत्कृष्ट रचना ज्योत्सना जी को बधाई एवं शुभकामनायें
    डॉ. कविता भट्ट
    श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड

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    1. हृदय से आभार कविता जी !

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  3. एक लड़की है दिल की बस्ती में

    वाह आप भी कमाल करती हैं।बहुत सुंदर कविता।हार्दिक बधाई।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद अनिता जी !

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  4. bahut sundar jyotsna ji.....kamaal aapne bhi kiya hai...badhai ke saath..

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    1. बहुत -बहुत शुक्रिया ज्योत्स्ना प्रदीप जी !

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  5. beti par dil khol kar likhi kavita bahut sunder hai. jyotsna ji badhai.
    pushpa mehra.

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    1. हृदय से आभार पुष्पा दी ! स्नेह रहे !

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    1. हार्दिक धन्यवाद आशा पाण्डेय जी !

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  7. बहुत सुन्दर कविता । बधाई।

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    1. हार्दिक धन्यवाद रेणु चंद्रा जी !

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  8. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (24.07.2015) को "मगर आँखें बोलती हैं"(चर्चा अंक-2046) पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।

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    1. इस स्नेह और सम्मान के लिए हृदय से आभार आपका !

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  9. बहुत ही सुंदर कविता ...प्रिय सखी ज्योत्स्ना जी ! कितनी प्यारी होती हैं ये बेटियाँ !
    आपको हार्दिक बधाई !
    ~सादर
    अनिता ललित

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    1. दिल से शुक्रिया प्रिय सखी ... :)

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  10. बहुत सुन्दर रचना ..... हार्दिक बधाई !

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    1. हृदय से आभार ललित जी !

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  11. बहुत बढिया।

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  12. एक लड़की है दिल की बस्ती में ,
    हक़ से रहती ,धमाल करती है।....शानदार रचना..बधाई

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  13. प्यारी बेटियों को समर्पित ...एक कविता ......
    डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

    क्या कहें क्या कमाल करती है,
    वक़्त से भी सवाल करती है ।१

    बेफिकर ख़ुद से ,जहाँ के ग़म पे,
    आँख रो-रो के लाल करती है ।२

    खींच कर कौन खुश लकीरें ये ?
    हाय ! कहकर मलाल करती है।३


    खूब हँसती है तो कभी रोकर ,
    रीते आँखों के ताल करती है।४

    चोट खाकर भी ,मीठी बातों से,
    देखिए तो ! निहाल करती है।५

    प्यार अम्माँ से बहुत ,बाबा का,
    दिल से कितना ख़याल करती है।६

    आज चर्चा है इन हवाओं में
    बात वो बेमिसाल करती है ।।७

    एक लड़की है दिल की बस्ती में ,
    हक़ से रहती ,धमाल करती है।८

    एक प्रतिक्रिया ब्लॉग :

    http://jyotirmaykalash.blogspot.com/2015/07/blog-post_21.html#comment-form


    इस बेहतरीन पेशकश पर एक शैर ये भी :

    एक लड़की हो सबके कुनबे में ,

    देखिये गृहस्थी ,तभी निहाल होती है









    http://jyotirmaykalash.blogspot.com/2015/07/blog-post_21.html#comment-form

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    1. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ आदरणीय !

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  14. सहृदय उपस्थिति के लिए बहुत आभार आपका !

    सादर
    ज्योत्स्ना शर्मा

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  15. बेटियाँ सच में घर की जान होती हैं ... चहकता है घर उनके होने से ...
    सुन्दर रचना है ...

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    1. सहृदय उपस्थिति के लिए बहुत आभार आपका !

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  16. waah bahut sundar rachna aa jyotsna ji ...dil se likhi rachna

    mera ek maahiya jo mujhe aapki rachna pad yaad aa gya

    घर-आँगन महकाती
    प्यारी सी बिटिया
    तितली बन लहराती ।

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    1. सहृदय उपस्थिति के लिए बहुत आभार आपका !

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  17. लगा जैसी मेरी मम्मा प्यार से मेरा सर थपथपाते हुए पड़ोस की चाची को मेरे बारे में बता रही हो :)

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    1. रचना से दिल से जुड़ने के लिए बहुत आभार स्नेहा जी :)

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  19. एक लड़की है दिल की बस्ती में ,
    हक़ से रहती ,धमाल करती है।
    क्या बात है...| सच्ची, कमाल है...|

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    1. दिल से शुक्रिया प्रियंका जी !

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  20. मैं बेटियों के सभी पिताओं से कहता हूँ कि यह सदी बेटियों की है इन्हें पढ़ाइये और संवारिये ये ही पिताओं का ख्याल करतीं हैं | आजकल परीक्षा के परिणाम में बेटियां अव्वल आ रहीं हैं |

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    1. सच्ची बात ! बहुत शुक्रिया आपका :)

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