Wednesday 5 November 2014

भरे उजास !


डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

तेरे प्यार ने
नहीं बुझने दिया
जीवन दिया |

~~~~*****~~~~*****~~~~~

भीगी बाती स्नेह से , जलकर भरे उजास ,
महका सा जीवन हुआ , बिखरे प्रेम-सुवास |
बिखरे प्रेम सुवास ,खिले मन-आँगन कलियाँ ,
मधुर बजे संगीत ,बोल मिसरी की डलियाँ |
सुख बरसे चहुँओर ,मुदित-मन मंगल गाती ,
काटे कलुष कठोर , स्नेह से भीगी बाती ||


स्नेह से भरे ,आशा के दीप सदा झिलमिलाएं ...देव दिवाली की हार्दिक शुभ कामनाएँ !

~~~~****~~~~*****~~~~****

चित्र गूगल से साभार 



4 comments:

  1. आपको भी शुभकामनाऐं
    कृपया फोंट बढ़ायें
    बूढी‌ आँखों पर
    कुछ तो तरस खायें :)

    ReplyDelete
    Replies
    1. सुधार किया मैंने ..अब बताएँ ... :)

      बहुत आभार और सादर अभिवादन के साथ
      ज्योत्स्ना शर्मा

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  2. आपको भी शुभकामनाऐं
    कृपया फोंट बढ़ायें
    बूढी‌ आँखों पर
    कुछ तो तरस खायें :)

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  3. सुधार किया मैंने ..अब बताएँ ... :)

    बहुत आभार और सादर अभिवादन के साथ
    ज्योत्स्ना शर्मा

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