वीर भरें हुंकार हमारे , नए साल में ,
डर कर भागें वैरी सारे , नए साल में !
असत सत्य के आगे हारे , नए साल में ,
चहुँ दिशि फैले हों उजियारे ,नए साल में !
मिट जाएँ जग के अँधियारे ,नए साल में ,
चमकें आशाओं के तारे , नए साल में !
यथासमय बरसें घन कारे ,नए साल में ,
महकें घर, वन, उपवन सारे ,नए साल में !
भरें खेत, खलिहान हमारे , नए साल में ,
भूख किसी को कहीं न मारे ,नए साल में !
शिक्षा-दीप जलें हर द्वारे , नए साल में ,
मिले न कोई हाथ पसारे , नए साल में !
सजें नयन में सपने प्यारे ,नए साल में ,
पूरे हों सारे के सारे , नए साल में !
छोड़-छाड़कर नखरे सारे, नए साल में ,
प्यार , प्यार से रोज़ पुकारे , नए साल में !
चख लें सुख के शक्करपारे , नए साल में ,
मधुरिम हों उद्गार हमारे , नए साल में !
मात शारदा खूब दुलारे , नए साल में ,
हों कवियों के वारे-न्यारे , नए साल में !
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
मात शारदा खूब दुलारे नए साल में !
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार १ जनवरी २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
नववर्ष मंगलमय हो।
हृदय से आभार आपका!
Deleteशुभ नव वर्ष 💐💐
बहुत सुंदर सृजन नववर्ष आशा लेकर आए।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएं।
हार्दिक धन्यवाद , नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏💐
Deleteबहुत अच्छी सामयिक प्रस्तुति
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
बहुत आभार और हार्दिक शुभकामनाएँ कविता रावत जी, विलम्ब से उत्तर के लिए क्षमा चाहती हूँ 🌻🙏
Deleteसुंदर पंक्तियाँ।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
हार्दिक धन्यवाद !
Deleteशुभ नव वर्ष 💐💐
सुंदर रचना , बधाई।
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएँ ।
हृदय से आभार आपका!
ReplyDeleteशुभ नव वर्ष 💐