Friday, 22 January 2021

150- अमर ,अटल वह ध्रुव तारा !


               खून के बदले आज़ादी देने का जिसका था नारा 

               मातृभूमि का वीर सिपाही हर इक दिल का है प्यारा 

               'जय हिन्द' उद्घोष को सुनकर जिसके ,वैरी थर्राया
                
               भारत के अम्बर पर चमका अमर ,अटल वह ध्रुव तारा !

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                तुमको पथ से डिगा सके वो तीर यहाँ नाकाम हुआ
 
                द्वेष-कपट से भरा हुआ बल वैरी का निष्काम हुआ 

                कोटि-कोटि नतमस्तक ,गूँजे 'अमर रहो' के जयकारे 

                जिसमें तुमने जन्म लिया है वह घर तीरथधाम हुआ ।
                             
                                          
23.1.21

9 comments:

  1. माँ भारती के अमर सपूत सुभाष चन्द्र बोस जी की 125वीं जन्म-जयन्ती पर उन्हें कोटिश: नमन 🙏

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना आज शनिवार 23 जनवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन " पर आप भी सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद! ,

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    1. हृदय से आभार श्वेता जी 🙏💐

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  3. सुभाषित श्रद्धा सुमन ।
    हम सबका विनम्र नमन ।

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    1. वन्दन-अभिनंदन ,हृदय से आभार आपका नूपुरं जी

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  4. बहुत सुन्दर।
    नेती जी सुभाष चन्द्र बोस को शत-शत नमन।
    राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई हो।

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    1. सादर वन्दन-अभिनंदन , हृदय से आभार आदरणीय 🙏

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  5. एक असाधारण व्यक्तित्व को एक असाधारण श्रद्धांजलि दी है आपने । अति-प्रशंसनीय । भाव-विभोर कर देने वाला ।

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  6. हृदय से आभार आपका!
    सचमुच नेता जी का स्मरण मन में गर्व और आह्लाद भरता है 🙏

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