Monday 4 October 2021

165- नभ के रंग


 


1
बढ़े तपिश
समाने लगे फिर
बिन्दु में सिंधु ।
2
आई जो आँधी
लो तिनका-तिनका
हुआ बसेरा ।
3
नन्ही चिड़िया
चाहती सहेजना
आँधी में नीड़।
4
गर्द उड़ाती
गिरा देती है आँधी
अकड़े पेड़।
5
स्याह दुशाला
आती है ओढ़कर 
देखो तो आँधी।
6
बूँदे झरतीं
किसी ने किसी पर
मिटा दी हस्ती ।
7
कैसी मोहनी
बादल चल दिए
आँधी के संग ।
8
नभ के रंग
टुकुर-टुकुर ही
देखती धरा।
9
अच्छा या बुरा
देखने नहीं देती
इश्क की आँधी ।
10
निहारे जो वो 
ज़रा प्यार से फिर 
खिले बहार ।

डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा

( चित्र गूगल से साभार)



25 comments:

  1. कैसी मोहिनी
    बादल चल दिए
    आँधी के संग ।

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  2. सभी हाइकु एक से बढ़कर एक़ 👏👏आपको बहुत बहुत बधाई👏👏

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  3. प्रेरक प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत आभार भावना जी 🌷🙏🌷

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  4. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 6 अक्टूबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

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    1. मेरी रचना को आपने इस योग्य समझा सखी जी , अनुगृहीत हुई । पाँच लिंकों में शामिल होना मेरे लिए गौरव की बात है , अवश्य उपस्थित रहूँगी 🙏

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  5. नभ के रंग
    टुकुर-टुकुर ही
    देखती धरा।

    वाह हाइकु के माध्यम से बहुत खूबसूरत बात कही है आदरणीया ज्योत्स्ना जी

    बूँदे झरतीं
    किसी ने किसी पर
    मिटा दी हस्ती ।

    सभी हाइकु बहुत सुंदर

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    1. प्रेरक है आपकी उपस्थिति सुनीता जी , दिल से शुक्रिया 🙏

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  6. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (06-10-2021) को चर्चा मंच         "पितृपक्ष में कीजिए, वन्दन-पूजा-जाप"    (चर्चा अंक-4209)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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  7. आपसे मिले इस स्नेह और सम्मान के लिए हृदय से आभारी हूँ आदरणीय, सदैव स्नेहाशीष रखिएगा 🙏💐

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  8. बढ़े तपिश
    समाने लगे फिर
    बिन्दु में सिंधु ।
    बहुत ही सुंदर😍💓

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    1. प्रेरक प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार आपका, अभिनंदन 🌷🙏🌷

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  9. बहुत सुंदर

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    1. आपकी प्रतिक्रिया नव लेखन की ऊर्जा है , आभार ,अभिनंदन 🌷🙏🌷

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    1. उत्साहवर्धक उपस्थिति के बारम्बार आभार आपका , वन्दन-अभिनंदन 🌷🙏🌷

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  11. सभी हाइकु एक से बढ़कर एक .....
    बढ़े तपिश...
    कैसी मोहनी...
    उपर्युक्त दोनों तो बहुत ही सुन्दर
    हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें

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  12. सुन्दर, प्रेरक प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार आपका 🌷🙏🌷

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  13. प्रेरक प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार आपका, अभिनंदन 🌷🙏

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  14. Replies
    1. प्रेरक उपस्थिति के लिए हृदय से आभारी हूँ 💐🙏

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  15. सुंदर भाव पूर्ण सार्थक हाइकु।
    सस्नेह।

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    1. प्रेरक प्रतिक्रिया हेतु हृदय से आभार आपका 💐🙏

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