मन में शोर
भागी है उठकर
नैनों से नींद ।1
****
पक्की दीवार
कीलों की फितरत
जाती है हार !2
****
ऊषा मगन
ले मोतियों के हार
करे शृंगार !3
****
थामो कमान
तरकश से तीर
स्वयं न चलें ।4
****
काव्य-कुसुम
प्रेम की सुगंध में
भीगे-से शब्द !5
****
रहे अछूता
विकट विकारों से
भाव-भवन ।6
****
उड़ी पतंग
नाच रही नभ में
डोर बँधी है ।7
****
फिक्र में जागे
नयनों में सपने
नहीं सजते ।8
****
दिया उसने
बाहों में भरकर
सारा आकाश ।9
****
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
थामो कमान
ReplyDeleteतरकश से तीर
स्वयं न चलें !
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (11-04-2021) को "आदमी के डसे का नही मन्त्र है" (चर्चा अंक-4033) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सत्य कहूँ तो हम चर्चाकार भी बहुत उदार होते हैं। उनकी पोस्ट का लिंक भी चर्चा में ले लेते हैं, जो कभी चर्चामंच पर झाँकने भी नहीं आते हैं। कमेंट करना तो बहुत दूर की बात है उनके लिए। लेकिन फिर भी उनके लिए तो धन्यवाद बनता ही है निस्वार्थभाव से चर्चा मंच पर टिप्पी करते हैं।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
--
हृदय से आभार आदरणीय । 'चर्चा मंच' पर सहभागिता मेरे लिए गौरव का विषय है 🙏
ReplyDeleteसादर
ज्योत्स्ना शर्मा
आपका काव्य-सृजन चाहे किसी भी विधा, किसी भी शैली, किसी भी रूप में हो; अद्भुत ही होता है। पढ़कर लगता है कि कुछ स्तरीय पढ़ा है। यह पोस्ट भी अपवाद नहीं है।
ReplyDeleteआपकी सुन्दर प्रतिक्रिया मेरे लेखन को ऊर्जा दे गई, आत्मिक आभार 🙏
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना आज शनिवार १० अप्रैल २०२१ को शाम ५ बजे साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन " पर आप भी सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद! ,
इस स्नेह , सम्मान के लिए सहृदय धन्यवाद महोदया 🌷🙏🌷
Deleteसुन्दर लेखन।।।।।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका 🙏
Deleteबहुत खूबसूरत हाइकु ... पूरी बात कहने में सक्षम
ReplyDeleteसभी बेहतरीन ... ये विशेष पसंद आया ...
ऊषा मगन
ले मोतियों के हार
करे शृंगार !3
#############
शबनम से
किया श्रृंगार भू ने
मोती चमके .....
एक हाइकु आपके हाइकु पर ...
बहुत-बहुत धन्यवाद संगीता जी 🙏
Deleteशबनम से .... मोहक दृश्य उकेरता सुन्दर हाइकु रचा आपने, बधाई 💐💐
अति सुन्दर सृजन।
ReplyDeleteबहुत-बहुत आभार आपका 💐🙏
Deleteहाइकु कहो या हाइगा ,
ReplyDeleteभावभंगिमाएं सरणियाँ जीवन धार।
veerujan.blogspot.com
हृदय से आभार आपका 💐🙏
Deleteबहुत सुंदर सारगर्भित हाइकु । सादर शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद जी 💐🙏
Deleteबहुत सुंदर हाइकु
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका 🙏
Deleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteहृदय से आभार आपका 🙏
Deleteऊषा मगन
ReplyDeleteले मोतियों के हार
करे शृंगार !
सभी हाइकु बहुत ---हार्दिक बधाई सखी
हृदय से आभार सखी 🌹🙏
Delete