डॉ •ज्योत्स्ना शर्मा
कहीं अकेली कभी न जाना
ये दुनिया बहुत सताती
है ,
तनहाई में अक्सर बिटिया
गुड़िया को यह समझाती
है |
दिखे समाधि गाँधी जी
की
छू आने की जिद मत करना
,
आज़ादी का जश्न देखने
अब जाने की जिद मत
करना
कल तक थी जो दिल वालों
की
अब तो बस दिल दहलाती
है |
तनहाई में अक्सर
बिटिया
गुड़िया को यह समझाती
है |
बचकर भला किधर जाओगी
डर जाओगी ,मर जाओगी
याद रहे ये बात किसी
से
कुछ न कभी लेकर खाओगी
बनो न चिड़िया, बनो शेरनी
ये कह कर दिल बहलाती
है
तनहाई में अक्सर
बिटिया
गुड़िया को यह समझाती
है
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20-04-13