Sunday, 22 September 2013

.बहुत शुभ कामनाएँ ..प्यारी बेटियों को !!



डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

सब मुझको मीठी कहते हैं 
माँ कहती है कम बतियाओ ।

मेरी फ्रॉक बड़ी ही सुन्दर
माँ कहती है कम इतराओ ।
पापा कहते परी हूँ उनकी
माँ कहती है मुँह धो आओ ।

बच्चे कहते आओ खेलें
माँ कहती है पढ़ने जाओ ।

फास्ट फ्रेंड से हुआ है पंगा
माँ कहती है भूल भी जाओ ।


मेरी गुड़िया सोई न अब तक
माँ कहती है अब सो जाओ ।

आँख में आँसू देखे बोले
गले लगा लूँ पास तो आओ ।

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Saturday, 14 September 2013

शुभ हिंदी दिवस !!


डॉñ ज्योत्स्ना शर्मा
1
मन वीणा में वास हो ,दिशि दिशि गुंजित गीत ।
बरसे रस हिंदी सदा , बजे मधुर संगीत ।।
2
गूँथे सबको हार में ,तेरे रूप अपार ।
हिंदी आँचल में भरे ,जैसे माँ का प्यार ।।
3
शब्दों के मोती भरे ,भाव भरा संसार ।
जननी संस्कृत से सदा ,संयोजित हैं तार ।।
4
उड़ने को आकाश है ,डूबे गहरा नीर ।
भक्ति ,प्रेम ,परिहास है ,हिंदी मन की पीर ।।
5
पूरब से पश्चिम चले ,हिंदी मधुर बयार ।
उत्तर -दक्षिण हिन्द हो ,समाहार ,बलिहार ।।

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Sunday, 8 September 2013

शुभ गणेश चतुर्थी !!!

डॉ ज्योत्स्ना शर्मा 

गूगल से साभार
हे पार्वतीनन्दन! प्रभु ,इतनी विनय गणेश !
दूर करें संसार के ,विघ्न ,कष्ट सब क्लेश।।


संग हँसे ,रोयें सदा ,नहीं मिलन की रीत ।
प्रभु मेरी तुमसे हुई ,ज्यों नैनन की प्रीत॥


खुशबू के मिस फूल ने ,भेज दिया सन्देश ।
 हाल हमारा देखने , आओ तो इस देश


घोटालों के दौर में , यही हमारी माँग ।
घोट- घोट कर हम पियें,प्रभु सुमिरन की भाँग ।।


नशा आपके नाम का , खूब कटेगी रात ।
मेरा मन करता रहे , उनके मन की बात ।।

सादर नमन वंदन ......हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ ...


ज्योत्स्ना शर्मा 

Thursday, 5 September 2013

मन का तार सितार हुआ है .....

चित्र :गूगल से साभार
 
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

मन का तार सितार हुआ है ,
गीतों से....गुलज़ार हुआ है ।

ग़म अपनाए खुशियाँ बाँटीं ,
मत कहिये व्यापार हुआ है ।

माना राहें....बहुत कठिन हैं ,
अब चलना...दुश्वार हुआ है ।

बहुत अँधेरा...दीप जला लें ,
देखें...अब उजियार हुआ है ।

सतत दया हो जो प्रभु तेरी ,
बन्दा भव से....पार हुआ है ।

बोलें तो.........ऐसा वो बोलें ,
वाणी का......शृंगार हुआ है ।

हम हिंदी हैं ...एक लगन है ,
हमें वतन से...प्यार हुआ है ।

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