Tuesday, 31 January 2017

शुभ वसंत पंचमी !

डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा 

भारत में हे भारती ,सुख बरसे सब ओर 
कटे अमंगल की निशा ,सजे सुहानी भोर 

कैसी आहट -सी हुईआए क्या ऋतुराज ? 
मौसम तेरा आजकल , बदला लगे मिजाज।


अमराई बौरा गई , बहकी बहे बयार 
सरसों फूलीसी फिरे ,ज्यों नखरीली नार ।।

तितली अभिनन्दन करे,मधुप गा रहे गान।
सजी क्यारियाँ धारकर ,फूल कढ़े परिधान ।।

मोहक रंग अनंग के,धरा खेलती फाग 
खिलते फूल पलाश के,ज्यों वन दहके आग ।।
 

(चित्र गूगल से साभार )