डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
भूले से भगवान ने ,मन में किया विचार ,
रहकर सबके साथ में , देखें यह संसार |
देखें यह संसार , भला कैसी है माया ,
दीं क्या हमने भेंट ,भक्त ने क्या क्या पाया |
चले उठाने मुकुट , मुरलिया जब झूले से ,
कुछ न आ सका हाथ , रह गए बस भूले से ||
ऐसे ..चकित नंदलाल ....मेरे मदन गोपाल ...करें सबका ख्याल !!
राधा की पायल बनूँ ,या बाँसुरिया श्याम ,
दोनों के मन में रहूँ ,इच्छा यह अभिराम |
इच्छा यह अभिराम , संग राखें बनवारी ,
दो बाँसुरिया देख , दुखी हों राधा प्यारी |
हो उनको संताप , मिलेगा सुख बस आधा ,
कान्हा के मन वास , चरण में रख लें राधा ||
राधे प्यारी !!......... सुनो अर्ज़ हमारी ..............हरो विपदा सारी !!
बहुत शुभ कामनाओं के साथ
ज्योत्स्ना शर्मा