डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
चाक जिगर पर ख़ुशबू से तर देखे हैं ,
हमने उनके.......काँटों में घर देखे है |
सिर्फ दुआएँ लब पर ममता , दुनिया ने ,
उस मूरत में............पीर-पयंबर देखे हैं |
जिन पर अक्सर होता है विश्वास बहुत ,
उन हाथों में.........हमने खंजर देखे हैं |
खोला पिंजर ,कल जिसको आज़ाद किया ,
उस चिड़िया के.......कतरे से पर देखे हैं |
हाफ़िज़ तक महफूज़ नहीं इन आँखों ने ,
जाने कैसे – कैसे............मंज़र देखे हैं |
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