Monday, 21 October 2013

शुभ करक चतुर्थी !!


डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

मेरी दुआएँ 
सजनी सदा संग 
पिया का पाएँ |१ 

हों दीर्घ आयु 
सफलता के ऊँचे 
शिखर पाएँ |२ 

शृंगार मेरा 
तेरी याद कजरा 
प्रीत मेहंदी |३ 

लाज चूनर 
उमंगों के कंगन 
अर्घ प्रेम का |४ 

सौभाग्य माँगू
खुशियों की पायल 
बजती रहे |५ 

सुनो न चाँद 
मैं तो बस हो रहूँ 
तेरी चाँदनी |६ 

न आँसू तुम 
कजरा भी नहीं हो 
नैनों में बसे |७ 

हैं तो तुम्हारी 
बस मुझको प्यारी 
सुधियाँ सारी |८ 

सुख अपार 
जीवन में भरा हो 
प्यार ही प्यार |९ 

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Thursday, 17 October 2013

सुधा बरसती शारदी !!

                                                                चित्र :गूगल से साभार
डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा 

सुधा बरसती शारदी , शीतल ,सुन्दर रात ,
अद्भुत ,वाणी से परे , पावनता की बात |
पावनता की बात  , साँवरा रास रचाए ,
दर्प भरे कन्दर्प  , मात कान्हा से खाए |
संग राधिका श्याम,निरख मन कली सरसती ,
सुन वंशी की तान  , लगे ज्यूँ सुधा बरसती ||

शरत् पूर्णिमा की रात काम को भी जीत लेने वाले मेरे कान्हा सभी के मन को मधुरता और पवित्रता से परिपूर्ण करें .....जय श्री कृष्णा !!

................ज्योत्स्ना शर्मा 

Monday, 7 October 2013

माँ धरणी सम धारिणी !!




                               चित्र गूगल से साभार 
डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा 


मैया जीवन दायिनी ,सब सुख का आधार ,
माँ धरणी सम धारिणी ,माँ नभ सा विस्तार |
माँ नभ सा विस्तार ,स्नेह की अविरल धारा ,
प्रतिपल मन की चाह ,थाम लें हाथ तुम्हारा |
हमें उतरना पार ,  नाव की बनें खिवैया ,
जग की पालनहार , हे वरदायिनी मैया ||

मैंने कुछ बोला नहीं, रहे अधर बस मौन,
फिर मेरे मन की दशा, भला बताए कौन।
भला बताए कौन  , दिलासा दे जाती हो,
देकर सरल निदान, विघ्न सब ले जाती हो।
संस्कार किए भेंट  , मुझे सुन्दर से गहने,
माँ तेरे उपहार  , मान से पहने मैंने ||

माँ कहते ही आ गई ,फिर मुख पर मुस्कान ,
मुकुलित है मन की कली ,हुए उमंगित प्राण |
हुए उमंगित प्राण , याद जब तेरी आए ,
सुमना सी मन वास ,साँस मेरी महकाए |
संग सखी सी आप ,सदा रहती मेरे हाँ ,
आया क्या ना याद ,मुझे बस कहते ही माँ !!


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