Wednesday, 1 November 2023

185- अर्घ्य प्रेम का

 



दिल ये चाहे
बिखरा दूँ कलियाँ
राहों में तेरी ।

न आँसू तुम
कजरा भी नहीं हो
नैनों मे बसे ।

चिरसंगिनी
खुशियाँ हों तुम्हारी
दुआ हमारी ।

लाज-चूनर
उमंगों के कंगन
प्रेम का अर्घ्य ।

सौभाग्य माँगूँ
खुशियों की पायल
बजती रहे ।

हों पूरे सदा-
नयनों में सजे जो,
ख्वाब तुम्हारे ।

तेरे प्यार ने
नहीं बुझने दिया
जीवन-दिया ।

मेरी दुआएँ
सजनी सदा संग
पिया का पाएँ ..... करक चतुर्थी पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐

ज्योत्स्ना