🌷🙏🌷 गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌷🙏🌷
कण-कण मुग्ध करे मन-मानस
बहे प्रेम की धारा !
जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !
उन्नत मस्तक शिखर हिमालय
मात वैष्णों ,अमर शिवालय
सुंदर झील, नदी-नद न्यारे
श्री ,कश्मीर सभी को प्यारे
हिम कण बरसें, कहीं मोहता
फूलों भरा शिकारा
जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !
फूलों की घाटी मन भावन
सागर तीर्थ सुपूजित पावन
राम ,कृष्ण से धन्य धरा है
बुद्ध ,विवेक ,महावीरा है
पाठ अहिंसा का देकर फिर
अप्पो दीप पुकारा
जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !
गाँधी और सुभाष वीर ने
सुख ,बिस्मिल,आज़ाद धीर ने
भगत सिंह ,झाँसी की रानी
कितने ही अनगिन बलिदानी
सुत अश्फ़ाक ,अब्दुल हमीद ने
अपना जीवन वारा !
जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !
वेदों का विज्ञान न भूलो
भाभा और कलाम न भूलो
दुर्गा ,इन्दिरा और सुनीता
हुई कल्पना परम पुनीता
सकल जगत में धूम ,तिरंगे-
का सम्मान सँवारा !
जय जनतंत्र हमारा ! जय गणतंत्र हमारा !
~~~~~~ॐ~~~~~~
Jyotsna Sharma
सभी भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर तथा देश भक्ति से ओतप्रोत रचना है
ReplyDeleteआभार , आपका साथ नए लेखन की ऊर्जा देता है 🌷🙏
Deleteबहुत सुन्दर।
ReplyDelete72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
हृदय से आभार आदरणीय!
Deleteसभी भारत वासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐
बहुत सुंदर...जय हिंद
ReplyDeleteबहुत आभार आपका 🙏
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (27-01-2021) को "गणतंत्रपर्व का हर्ष और विषाद" (चर्चा अंक-3959) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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हार्दिक धन्यवाद आदरणीय ।
Deleteइस प्रोत्साहन भरे सहयोग के लिए आभार और नमस्कार स्वीकार कीजिए 💐🙏💐
वाह ! अति सुंदर
ReplyDeleteहृदय से आभार 🙏
Deleteapproval !!!!
ReplyDeleteise htaa den, behatar rahegaa
मैं भी इस अप्रूवल के झंझट से खिन्न हो जाती हूं।
Deleteसादर
बहन क्षमा चाहती हूँ
Deleteबहुत सुंदर भावों से सुसज्जित देशप्रेम से ओतप्रोत सुंदर गीत।
ReplyDeleteगीत के प्रति आपकी सहृदय प्रतिक्रिया मेरी लेखनी को ऊर्जा दे गई , बहुत आभार आपका 🌻🙏
Deleteये देखकर बड़ा हर्ष हो रहा कि हम सब देशप्रेम के सुन्दर और अनोखे सूत्र में बंधे हुए हैं जो हमारे गणतंत्र को निरंतर दृढ़ता और मजबूत धागे में बाँध कर रखने में सक्षम है..सुन्दर कृति के लिए बधाई हो दोस्त!
ReplyDeleteसुन्दर, सकारात्मक,स्नेह से परिपूर्ण उपस्थिति के लिए हृदयतल से आभार सखी!
Deleteईश्वर सदैव इस बन्धन को अटूट रखें 🙏
बहुत सुंदर । यह काव्य-रचना ऐसी है मानो सुगंधित फूलों को एक मनोहारी वेणी में गूंथा गया हो ।
ReplyDeleteसुन्दर , प्रेरक वचनों के साथ उपस्थिति के लिए हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ 🙏
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Deleteबहुत सुंदर सृजन।🌻
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आपका 🙏
Deleteदेशप्रेम से सुसज्जित सुंदर मनभावन सृजन, जय हिन्द
ReplyDeleteप्रेरक प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार सखी!
ReplyDeleteजय हिन्द @